student studying

क्या है वृंदावन के साक्षी गोपाल मंदिर की कहानी

0 minutes, 4 seconds Read

तो दोस्तों अगर आप हिंदू धर्म से हैं तो आपको हिंदू धर्म में मंदिरों के प्रति लोगों का एक अलग ही आकर्षक देखने को मिलेगा, आपको हर एक मंदिर में लोगों की भीड़ देखने को मिलेगी। तो दोस्तों वैसे तो हिंदू धर्म में बहुत सारे मंदिर हैं लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम आपको वृंदावन के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जो कि अपने आप में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखता है, दोस्तों हम बात कर रहे हैं वृंदावन के साक्षी गोपाल मंदिर की तो आज हम आपको बताएंगे कि यह मंदिर कहां स्थित है, साथ ही हम इस मंदिर के महत्व, Gopal Chalisa के महत्व, को बताने के लिए इस मंदिर के रोचक कहानी के बारे में भी बताएंगे। तो अगर आप भी इस मंदिर के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को आखिरी तक जरूर पढ़ें।

साक्षी गोपाल मंदिर कहां स्थित है?

हम आपको बता दें कि यह मंदिर उड़ीसा राज्य में स्थित है जो की पूरी से मात्र 15 किलोमीटर दूर और भुवनेश्वर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, कहां जाता है की जो भी भक्त जगन्नाथ पुरी के दर्शन के लिए आता है और वह अगर साक्षी गोपाल मंदिर जाकर भगवान के दर्शन ना करें तो उसकी यात्रा कभी भी सफल नहीं होती है। इसलिए इस मंदिर को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। 

वृंदावन साक्षी गोपाल मंदिर की कहानी

यह बात बहुत समय पहले की है जब एक वृद्ध धनवान ब्राह्मण वृंदावन जाकर तीर्थ यात्रा करने के लिए निकल पड़ा, उस ब्राह्मण के पीछे एक गरीब व्यक्ति भी यात्रा के लिए निकल गया, उस गरीब व्यक्ति ने यात्रा के दौरान वृद्ध ब्राह्मण की बहुत ही अच्छी तरह से सेवा की थी, जिससे कि वह ब्रह्मांड उस व्यक्ति से बहुत ही ज्यादा प्रसन्न था, जिसकी वजह से उस ब्राह्मण ने वृंदावन के गोपाल मंदिर में गोपाल जी के सामने ही उस गरीब व्यक्ति को यह वादा किया, कि वापस जाने पर मैं तुम्हारा विवाह अपनी पुत्री के साथ करूंगा।

Read, Also:- Unlocking Business Acumen: A Path to Career Success

इसके बाद दोनों जब वापस अपने नगर आए तब उस गरीब व्यक्ति ने उस ब्राह्मण के द्वारा किया गया वादा उसे याद दिलाया, लेकिन उसके बाद हुआ यह की वृद्ध ब्राह्मण तो अपनी पुत्री का विवाह करने को तैयार था, किंतु जो उसके पुत्र थे वह अपनी बहन का विवाह उस गरीब व्यक्ति से नहीं होने देना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए मना कर दिया, और इसके बाद उस गरीब का मजाक भी उड़ाया।

इसके बाद वह गरीब व्यक्ति पंचायत के पास गया, पंचायत वालों ने उसे वादे का सबूत मांगा इसके बाद उसने कहा कि गोपाल भगवान ही मेरे सबूत हैं, लेकिन किसी ने भी उसके बाद पर विश्वास नहीं किया। वह वापस वृंदावन गया, और भगवान को यह सारी बातें बताई जिसके बाद भगवान ने कहा कि तुम आगे आगे चलो मैं तुम्हारे पीछे-पीछे चलूंगा, मेरे पायल की आवाज तुम्हें सुनाई देती रहेगी लेकिन तुम जहां भी पीछे मुड़कर रुकोगे मैं वहीं रुक जाऊंगा।

इसके बाद गरीब व्यक्ति ने गोपाल जी की बात मान ली, वह आगे आगे चलता गया। रास्ते में एक गांव पड़ा जहां की रेत का रास्ता था, जिसकी वजह से गोपाल जी के पायलों की आवाज आनी बंद हो गई, और व्यक्ति ने पीछे मुड़कर देख लिया, और वादे के अनुसार गोपाल जी वहीं पर स्थिर हो गए। इसके बाद गोपाल जी ने गरीब व्यक्ति से कहा कि अब मैं यहीं रहूंगा तुम पंचायत वालों को यहीं ले आओ। जिसके बाद गरीब व्यक्ति ने पंचायत के व्यक्तियों को उस स्थान पर लेकर आया, जहां पर गोपाल जी ने पंचायत को सारी सच्चाई बता दी, इसके बाद पंचायत में मिलकर या फैसला किया की गरीब व्यक्ति का विवाह ब्राह्मण की पुत्री के साथ ही होगा। इसी स्थान पर आज साक्षी गोपाल मंदिर स्थित है, क्योंकि गोपाल जी उस गरीब व्यक्ति के साक्षी बने थे, इसलिए इस मंदिर का नाम साक्षी गोपाल मंदिर रखा गया।

Conclusion

तो दोस्तों उम्मीद है कि अब आपको साक्षी गोपाल मंदिर की सच्ची कहानी के बारे में पता चल गया होगा, तो अगर आप भी चाहे तो जगन्नाथ पुरी जाकर मात्र 15 किलोमीटर की यात्रा करके इस मंदिर में पहुंचकर गोपाल जी के दर्शन कर सकते हैं।

Similar Posts